मनुष्य का मस्तिष्क
हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण
हिस्सा होता है, जो हमारे पूरे शरीर तथा शरीर की पूरी गतिविधियों का नियंत्रण करता है।
हमारे शरीर में हमारा मस्तिष्क ही केवल एक ऐसा अंग है जिसके बारे में आज तक वैज्ञानिक पूरी तरह समझ नहीं पाए है, की यह कैसे काम करता है।
मानव मस्तिष्क का अध्ययन एक व्यापक क्षेत्र है। मुख्यतः इसका अध्ययन तंत्रिका विज्ञान में किया जाता है। परन्तु मनोविज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, दर्शनशास्त्र, भाषाविज्ञान, मानव विज्ञान एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोधों ने इसके अध्ययन को एक नयी दिशा प्रदान की है। तंत्रिका तंत्र के शीर्ष पर स्थित यह अंग शरीर की सभी क्रियाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करता है। यह संरचनात्मक रूप में जटिल और क्रियात्मक रूप में जटिलतम होता है। इसकी संरचना, कार्य एवं इसके पारस्परिक संबंधो का अध्ययन मुख्यतः तंत्रिकाजैविकी मनोविज्ञान एवं कम्प्यूटर विज्ञान में किया जाता है।
मानव मस्तिष्क की संरचना
मस्तिष्क खोपड़ी में स्थित होता है। यह चेतना और स्मृति का स्थान है।
सभी ज्ञानेंद्रियों – नेत्र, कर्ण, नासा, जिह्रा तथा त्वचा – से आवेग यहीं पर आते हैं, जिनको समझना अर्थात् ज्ञान प्राप्त करना मस्तिष्क का काम है।
तंत्रिका कोशिका मस्तिष्क की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होतीं हैं।
इनकी कुल संख्या 1 खरब से भी अधिक होती है। संरचनात्मक रूप से मस्तिष्क के तीन मुख्य भाग होते हैं।
अग्र मस्तिष्क मध्य मस्तिष्क एवं पश्च मस्तिष्क। प्रमस्तिष्क एवं डाइएनसीफेलॉन अग्र मस्तिष्क के भाग होते हैं।
मेडुला, पोन्स एवं अनुमस्तिष्क पश्च मस्तिष्क के भाग होते हैं। मध्य मस्तिष्क एवं पश्च मस्तिष्क मिल कर मस्तिष्क स्तंभ का निर्माण करते हैं।
मस्तिष्क के मुख्य भाग
हमारा मस्तिष्क मुख्यत: तीन भागों मे विभक्त होता है –
● अग्र मस्तिष्क
● मध्य मस्तिष्क
● पश्च मस्तिष्क
अग्र मस्तिष्क
यह प्रमष्टिष्क तथा Diencephelon से मिल कर बना होता है।
मध्य मस्तिष्क
यह अग्र मस्तिष्क और पश्च मस्तिष्क के बीच मे स्थित होता है। इसे mesencephalon भी कहा जाता है,mesencephalon चार पिंडो से मिल कर बना होता है, जिसे कोर्पोरा कहते है।
पश्च मस्तिष्क
यह अनुमस्तिष्क पांस और मेडुला अब्लांगेटा से मिल कर बना होता है।
मेडूला अब्लांगेटा मस्तिष्क का अंतिम भाग होता है जो मेरूरज्जू से जुड़ा होता है।
मस्तिष्क के कार्य
मस्तिष्क में कई केन्द्र होते हैं। शरीर की विभिन्न क्रियाएँ इन्हीं केन्द्रों पर आश्रित रहती हैं। जैसे- हृदय गति, भोजन ग्रहण करना, साँस लेना, प्रमस्तिष्क द्वारा संचालित क्रियाएँ हैं।
हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण एवं नियमन करता है।
प्रमस्तिष्क ही घृणा, प्रेम हर्ष, विषाद, दुःख, भय आदि संवेगों की उत्पत्ति का केन्द्र है।
अग्रमस्तिष्क पश्च या डाइएनोसैफेलोन अग्रमस्तिष्क का पश्च भाग होता है। इसका पृष्ठ भाग पतला एवं अधर भाग मोटा होता है। अग्रमस्तिष्क पश्च की भित्ति, थैलेमस, तथा हाइपोथैलेमस में विभेदित रहती है।
हाइपोथैलेमस की अधर सतह से पीयूष ग्रन्थि लगी रहती है। अग्रमस्तिष्क पश्च की पृष्ठ सतह पर पीनियल काय स्थित होती है।
अग्रमस्तिष्क में डाइएनसिफेलोन उपापचय तथा जनन क्रिया, दृक पिण्ड दृष्टि ज्ञान का नियन्त्रण और नियमन करते हैं।
हमारे मस्तिष्क से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
हमारा मस्तिष्क अपनी कुल ऊर्जा और संचित ऑक्सीजन का 20% और हमारे रक्त में प्रवाहित होने वाले ग्लूकोज (शर्करा) का केवल 25% उपयोग करता है।
मानव मस्तिष्क का वजन शरीर के कुल वजन का लगभग 2% अर्थात 3 पौंड के बराबर होता है, जिसमें से 60% वजन इसमें उपस्थित वसा का होता है, जिसकी वजह से मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे वसायुक्त अंग है।
वैज्ञानिकों के अनुसार रात की अपेक्षा दिन में मस्तिष्क अधिक सक्रिय होता है। मोटे तौर पर हमारे मस्तिष्क में लगभग 100 अरब न्यूरॉन कोशिकाएं होती हैं।
गर्भावस्था के दौरान न्यूरॉन्स प्रति मिनट 2,00,000 से भी अधिक तेजी से बढ़ता है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि केवल 5 मिनट तक ऑक्सीजन की कमी होने पर ही मानव मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है।
क्या आप जानते हैं कि मानव मस्तिष्क में 12-25 वाट बिजली उत्पन्न होती है, जोकि कम वोल्टेज वाले एलईडी लाइट जलाने के लिए पर्याप्त हैं।
डोपामाइन नामक रसायन के कारण हमारा दिमाग हमे आनंद या प्यार महसूस करवाता है इसीलिए इसे लव रसायन कहते है।
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