प्लास्टिक की दुनिया पर 500 शब्दो का निबंध
Share
Login to our social questions & Answers Engine to ask questions answer people's questions & connect with other people.
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Manish kumar
अब आप हमारी वेबसाइट कुमावत टुटर पर आये तो पका आप गूगल पर प्लास्टिक की दुनिया ( plastic ki duniya ) topic पर निबंध खोज रहे हो। आज हमने इस पोस्ट में प्लास्टिक की दुनिया पर 500 शब्दो का निबंध लिखा है जो सायद आपको पसंद आ सकता है
दोस्तों आज के दौर में प्लास्टिक बहुत ही बड़ी समस्या बन गया है। जो हर साल प्लास्टिक का उत्पादन इतना बढ़ गया है की अब किसी किसी शहरो में प्लास्टिक पूरी तरह से बंद हो गया है
रूपरेखा
भूमिका
प्लास्टिक एक बहुपयोगी पदार्थ है, जिसका प्रयोग आज-कल इस हद तक बढ़ गया है कि जिधर भी निगाह डालें, इससे बनी वस्तुएँ नज़र आती हैं। प्लास्टिक ने मनुष्य के जीवन और दैनिक कार्यों में इतनी गहरी पैठ बना ली है कि इसको दैनिक जीवन से अलग करना कठिन हो गया है। यह विज्ञान की अद्भुत खोज है, जिसका संसार सर्वव्यापी हो गया है। प्लास्टिक वह पदार्थ है, जिसने जाने-अनजाने, चाहे-अनचाहे मनुष्य की दुनिया में जबरदस्ती जगह बनाई है।
प्लास्टिक की उपयोगिता एवं महत्व
प्लास्टिक अत्यंत उपयोगी पदार्थ है। अपनी उपयोगिता के कारण यह सर्वत्र छा गया है। प्लास्टिक के आविष्कार ने सामानों की दुनिया को रंग-बिरंगी बना दिया है। आज हम अपने घर में नजर डालें तो टिफिन बॉक्स, मग, बाल्टी, ट्रे, डिब्बे, कार, बाइक, मोटर गाड़ियों के विभिन्न पुर्जे, स्टूल, कुर्सियाँ, मेजें, पाइपें आदि सब प्लास्टिक से बनी नजर आती हैं।
खाने पीने की लगभग सारी वस्तुएँ प्लास्टिक के डिब्बों और थैलियों में ही पैक मिलती है सब्जी लेना हो या दूध सब प्लास्टिक की थैलियों में उपलब्ध है। क्रेता-विक्रेता दोनों ही इनके प्रयोग से खुश हैं। प्लास्टिक वजन में हल्का,प्रयोग में मजबूत और टिकाऊ तथा सर्वसुलभ है। यह पानी में गलता नहीं
प्लास्टिक की लुभावनी दुनिया
प्लास्टिक वह बहुपयोगी पदार्थ है, जिससे बनी वस्तुएँ अत्यंत आकर्षक होती हैं। इसका कारण है- प्लास्टिक का लचीला होना, प्लास्टिक से बने खिलौने, बर्तन, मूर्तियाँ, छाते, तिरपाल, शीशियाँ – बोतलें आदि मन को हर लेते हैं। रंगों के मेल ने प्लास्टिक को और भी आकर्षक बना दिया है। इससे बनी वस्तुएँ इतनी हल्की होती हैं कि इन्हें कहीं लाना ले जाना आसान होता है। इन वस्तुओं को बस देखते ही रहने का मन करता है।
प्लास्टिक से हानि
प्लास्टिक जितना लुभावना, सर्वसुलभ, सस्ता और विभिन्न रूपों में काम आने वाला पदार्थ है, उतना ही हानिकारक भी है। प्लास्टिक का सबसे बड़ा दुर्गुण है यह है कि यह मिट्टी में रहकर भी सैकड़ों सालों तक ज्यों के त्यों बना रहता है। प्लास्टिक पानी में रहकर भी नहीं गलता है। इस कारण यह नालियों और नाली में फँस जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक आसानी से आग पकड़ने वाला पदार्थ है। यदि इससे बने सामानों में आग लग गई तो इसे बुझाना असंभव-सा हो जाता है। प्लास्टिक को जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है
उप:सहार
प्लास्टिक आकर्षक एवं सर्वसुलभ पदार्थ हैं, जो विविध रूपों में हमारे आस-पास मौजूद है। विभिन्न वस्तुओं के रूप में इसका खूब प्रयोग भी किया जा रहा है। परंतु इससे होने वाली हानियों को देखते हुए इसके प्रयोग को कम करते-करते पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता है। पर्यावरण को होने वाली हानियों को देखते हुए कई शहरों में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। यद्यपि प्लास्टिक का प्रयोग आसान जरूर है, पर यह पर्यावरण के लिए घातक है। आइए हम सब प्लास्टिक को ‘ना’ कहें और लोगों को इससे प्रति जागरूक करें।
तो दोस्तों आपने प्लास्टिक की दुनिया ( plastic ki duniya ) निबंध पूरा पद लिया या फिर आपने नोट कर लिया होगा। अगर आपको प्लास्टिक की दुनिया का निबंध अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे।
अगर आपको यह निबंध pdf file में चाहिए तो कमेंट जरूर करे