नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर निबंध
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Manish kumar
हमारे देश में ऐसे ऐसे महान देशभक्त हुए हैं जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया उनके संपूर्ण जीवन का इतिहास हमारे मन मस्तिष्क पर अंकित हो गया है। हमारे देश में ऐसे ही व्यक्तियों ने शताब्दियों से शासन करने वाली अंग्रेजी सत्ता की जड़ें हिला कर के रख दी ऐसे देश भक्तों ओर स्वतंत्र सेनानियों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम सर्वोच्च है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म: नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन 1897 ईसवी में उड़ीसा राज्य की राजधानी कटक में हुआ था। इनके पिता जी जानकीनाथ बोस कटक के जाने-माने वकील थे। उनके भाई श्री शरद चंद्र बोस एक महान देशभक्त और प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। इनके प्रारंभिक शिक्षा एक स्थानीय यूरोपीय स्कूल में हुई। उन्होंने मैट्रिक परीक्षा सन 1913 ई.में कोलकाता विश्वविद्यालय से उनकी इस परीक्षा को इन्होंने पूरे विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर प्राप्त किया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का बचपन: नेताजी सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही निर्भर को स्वाभिमानी थे इनके विद्यार्थी जीवन की कई रोचक घटना है कोटा में से एक घटना यह भी है कि जिस समय आप कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्र थे उसी समय एक अंग्रेजी अध्यापक भारतीयों का अपमान किया करता था। यह सर्वविदित है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस कट्टर देशभक्त थे अंग्रेजी अध्यापक द्वारा भारतीयों के प्रति किए जा रहे अपमान को सहन नहीं कर पाए आवेश में आकर उन्होंने अंग्रेजी अध्यापक की पिटाई करते विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया इससे विद्यालय में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की इसके बाद इन्होंने सीए की परीक्षा उत्तर प्रदेश में दी।
इनके पिताजी जानकी नाथ की है पूरी आकांक्षा थे कि उनका पुत्र आईसीएसओ कर सरकारी नौकरी में उच्च स्थान प्राप्त करें लेकिन बहुत विनम्र बने उनके लिए थी उनके पुत्र का मन इसके विपरीत ही चला था उनके पुत्र के मन में देशभक्ति के उची उची रंगे उठ रही थी इसलिए नेताजी अंग्रेजी सत्ता को ना चाहकर उसके प्रति नफरत के भावों से भर उठे इसके फलस्वरूप उसे अपने देश से समाप्त करने के लिए क्या करने हेतु तैयार होते देश भक्ति सिविल सर्विस को स्वीकार कर लिया था
उसमें है रहते हुए नेताजी को ऐसा लगा कि वह देश भक्ति की भावना को जानता पूर्व बनाए रखने में अधिक समय तक समर्थ नहीं हो सकेंगे यह भी है कि देश को स्वतंत्र कराने की अपनी अंतरात्मा की उचित रंगों को बचाना उठा सकेंगे इससे बनता है जो बहुत ही छोटा वे अपनी अंतरात्मा की आवाज को अधिक समय तक ना जा सके उन्होंने आईसीएल से इस्तीफा देकर देश की स्वतंत्रता के लिए कठोर संघर्ष करने का दृढ़ संकल्प कर लिया उन्होंने आईसीएसएसआर दे दिया
आईसीएस से इस्तीफा देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वदेश होता है इन्होंने स्वदेश आकर देश की अंग्रेजी सत्ता भारतीयों पर विभिन्न प्रकार से झूम उठा रही है उन्होंने देखा कि इससे देश की जनता अत्यंत दुखी और निराश हो रही है उस समय उन्होंने अनुभव किया कि पूरे देश में महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन ने बहुत जोर पकड़ लिया है बंगाल में आकर उन्होंने यह अच्छी तरह से समझ लिया कि देशबंधु चितरंजन दास का अद्भुत अभाव फैला हुआ है इसे गंभीरता पूर्वक अनुभव करके उन्होंने उन्हीं अपना राजनीतिक गुरु बना लिया उनके नेतृत्व में यह देश भक्ति की प्रमुख धारा से प्रभावित होने लगे
जिस समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत लौटे थे उसी समय प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आने वाला था अतः अंग्रेजी सकता उसके अत्यधिक स्वागत के लिए जोरदार तैयारियां करने लगी थी कि महात्मा गांधी उस समय अंग्रेजी सत्ता को वापस जाने के लिए कृतसंकल्प होकर सविनय अवज्ञा आंदोलन चला रहे थे इसलिए उन्होंने पूर्ण रूप से यह स्वागत समारोह का बहिष्कार करने का मन बना लिया नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अद्भुत संगठन शक्ति को देखकर अंग्रेजी सकता जब हिलने लगी तब उसने उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया 6 महीने बाद आप को रिहा कर दिया गया
अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए ऑप्शन प्रकार के अद्भुत योजनाओं के तहत अपनी देशभक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं इससे आप अंग्रेजी सत्ता का निराशा निशाना बन गए एक बार आपको संदेह अवस्था में आपको आपके घर से ही गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया वहां से आधे देश बताएं काबुल होते हुए जर्मनी कहां पर आपने सन 1942 ईस्वी में आजाद हिंद फौज का गठन किया इसके द्वारा अपने यहां के भारतीयों को ललकार तो है यह नारा दिया तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा इस संगठन से अंग्रेजी सकता कांप उठी थी
कि 23 अगस्त सन 1945 ईस्वी को नेताजी की मृत्यु एक हवाई जहाज की दुर्घटना के फल शुरू हो गई इस आज ही नेताजी के श्रद्धालु विश्वसनीय नहीं मानते हैं
चाहे जो कुछ भी सत्य सत्य हो नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज भी पूरे देशवासियों के हृदय में श्रद्धा पूर्वक विराजमान है सारा देश उनकी देशभक्ति पूर्ण कार्यों के प्रति कृतज्ञ रहेगा