नई शिक्षा नीति 2020: क्या वाकई हुए है ज़रूरी बदलाव ?
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हारून शेख़
हारून शेख़
Manish kumar
21वीं सदी के श्रेष्ठ भारत की कल्पना साकार करने के लिए भारत सरकार हर क्षेत्र में प्रयासरत है। तो वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं। जिसमें रटने की बजाय ज्ञान-विज्ञान और मुख्य रूप से कौशल शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है।
नई शिक्षा निति में जोर दिए जाएंगे :-
अभी भी इसपर सरकार द्वारा चर्चा चल रहा है। नीतिओं में कई और भी सुधर करेंगे।
gauravjagota
नई शिक्षा नीति
वर्तमान शिक्षा प्रणाली लार्ड मैकाले द्वारा प्रचलित शिक्षा प्रणाली का ही संशोधित रूप है, जिसमें समय-समय पर परिवर्तन किया जाता रहा है। ठीक इसी प्रकार से,वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में पुनं शिक्षा के ढांचे में बदलाव किया गया है। जोकि मूलतया पांच स्तम्भों पर आधारित है। जिसमें एक्सेस (सब तक पहुंच), इक्विटी (भागीदारी), क्वालिटी(गुणवत्ता), अफोर्डेबिलिटी (किफायत), औऱ अकाउंटबिलिटी (जवाबदेही) पर मुख्यता ध्यान केद्रिंत किया जा रहा है।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बदलाव
21वीं सदी के श्रेष्ठ भारत की कल्पना साकार करने के लिए भारत सरकार हर क्षेत्र में प्रयासरत है। तो वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं। जिसमें रटने की बजाय ज्ञान-विज्ञान और मुख्य रूप से कौशल शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। आपको बता दें कि इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अगुआई में गठित कमेटी ने 31 मई 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें शिक्षा की वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद निम्न जरूरी बिंदुओं पर परिचर्चा कर सरकार की कैबिनेट मीटिंग में शिक्षा के वर्तमान ढांचे को बदलने की बात की गई।
भाषा के चयन की सुविधा
स्कूली बस्तों का बोझ कम करने की कोशिश
शोध में होगा सुधार
पूरा लेख – नई शिक्षा नीति 2020 सोर्स – ज्ञान सागर भारत