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Home/ Questions/Q 384
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Manish kumar
Manish kumar

Manish kumar

  • Nagpur , India
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Manish kumarBeggnier
Asked: August 10, 20202020-08-10T16:24:52+00:00 2020-08-10T16:24:52+00:00

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध
चिड़ियाघर की सैरनिबंधपिकनिकलेख
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    1. Manish kumar

      Manish kumar

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      Manish kumar Beggnier
      2020-08-10T16:25:30+00:00Added an answer on August 10, 2020 at 4:25 pm

      प्रस्तावना:
      कहा जाता है कि हमारा मन चंचल घोड़े के समान होता है कभी यहां तो कभी वहां कभी वहां तो कभी यह एक दशा में स्थिर नहीं रहता है।कभी भी स्थिर नही रहता है।लगातार नई नई उड़ाने भरने की कोशिश करता रहता है।ये फिर भी नही थकता है।इस प्रक्रिया में कभी ये खुशी से उछलता है तो कभी निराशा में डूब जाता है।अपनी निराशा को दूर करने के लिए अपने पूर्व स्थिति में सुधार बदलाव लाता है। इसके लिए उसे अपेक्षित प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।इसके लिए वो अपनी निराशा को छोड़कर आशा में बदलने की कोशिश करता है।

      चिड़िया घर जाने की तैयारी

      गर्मी की छुट्टी चल रही थी हम अपने दोस्तों के साथ गपशप कर रहे थे। गपशप का विषय था गर्मी की छुट्टी में कुछ और शेर सपाटा करना चाहिए ।गपशप करते हुए हम उस बिंदु पर आ गया कि कहीं शेर के लिए चला जाए ।पर कहां जाए इस प्रश्न को सुनते ही मैंने अचानक कहा चिड़ियाघर की सैर के लिए चलते हैं मेरा ये सुझाव सबको पसंद आया सब सहमत हो गए फिर क्या था हम चारों मित्र अपने निश्चय के टाइम के अनुसार दूसरे दिन चिड़ियाघर की सैर के लिए अपने – अपने घर से रवाना हुए हम लोग दिल्ली का चिड़ियाघर देखने के लिए एक साथ बस में बैठकर चिड़िया घर पहुंच गए।

      चिड़ियाघर की स्थिति

      दिल्ली का चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास ही है।दिल्ली की पुराना किला अर्थात कौरव पांडवों का किला के साथ ही दिल्ली के चिड़िया घर की स्थिति शुरू हो जाते हैं।जो इसके साथ-साथ चल कर दूसरी तीसरी और चौथी दिशा में लगभग गोलाकार दिखाई देता है ।इस तरह चिड़िया घर कई किलोमीटर की लम्बे चौड़े एरिया में फैला हुआ है ।इसकी सीमा चार दीवार से घिरी हुई है ।ताकि कोई जानवर वहाँ से बाहर न जा सके।इस चिड़िया घर का पूरी बाहरी सिमा एक सुरक्षित सिमा पर है।जो इसके जानवरों की सुरक्षा देखभाल और उनसे होने वाले खतरों से बचाने की दृष्टि से बहुत उपयोग में महत्वपूर्ण सिद्ध होता है।

      चिड़ियाघर का स्वरूप

      घर के मुख्य द्वार पर हमने और लोगों की तरह प्रवेश टिकट लिया इसके बाद चिड़ियाघर में प्रवेश किया सभी लोगों को तरह हमने भी परंपरागत ढंग से एक और से चिड़ियाघर के जानवरों को देखने का सिलसिला शुरू किया।

      सबसे पहले हमने विभिन्न प्रकार के जल जीव देखे हमने देखा कि तालाब में तैरती बतख बड़ी ही स्वतंत्रता पूर्वक लोगों का ध्यान अपनी और बार-बार आकर्षित कर रही हैं। उसी तरह हमने देखा कि रंग बिरंगी मछलियां सबके मन को लुभा रही हैं हमने और जल में रहने वाले जीवों को देखा सभी एक दूसरे से काफी भिन्न थे। हमने मगरमच्छ भी देखे थे हमने देखा कि मगरमच्छ जल में और जमीन पर बड़ी खुशी के साथ ही रह लेता है।

      कुछ आगे बढ़ने पर हमने देखा कि हरी-भरी जमीन पर शाकाहारी जानवर विचर रहे हैं उसमें गाय ,घोड़ा ,नीलगाय , हाथी और ऊंट आदि प्रमुख थे इस प्रकार के सारे जानवरों में गेंडा बड़ा ही अद्भुत और आकर्षक जानवर दिखाई दे रहा था इस जानवर की खास विशेषता यह है कि हमेशा ही पानी के गढ्डे में ही तैरता है।

      चिड़ियाघर की सैर करते-करते हम छोटे बड़े जीव जंतुओं के जंतुओं की और पहुंचे वहां जाकर हमने देखा कि छोटे बड़े सभी प्रकार के पक्षी आपस में मिलकर रहते थे उनमे तोता, मैना, कबूतर ,शतुरमुर्ग ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाला एक विशेष प्रकार का शतुरमुर्ग था। मोर, बाज आदि आकर्षक पक्षी थे।इससे आगे बढ़ने पर हमने कुछ जहरीले और भयानक जीव जंतु को भी देखा उनमे से सांप ,बिच्छू , गिरगिट, छिपकली आदि थे ।वही पर हमने बहुत ही बड़ा लगभग 10 मीटर लंबा एक ऐसा अजगर देखा जिसकी उम्र लगभग 30 सेंटीमीटर होगी उसका वजन भी दो क्विंटल से कम नहीं होगा उसे लोग बार-बार देख रहे थे।और डर भी रहे थे।

      ईसके बाद हम चिड़ियाघर के उस क्षेत्र में पहुंच गए जहां केवल हिंसक पशु जैसे शेर ,बाघ ,चीता, भेड़िया ,भालू आदि प्रमुख थे ।वहां पर हमने ऐसे भयानक बाघ को देखा जिसकी आंखें बहुत ही बड़ी और तेजतर्रार थी ।उसे देखकर ऐसा लगता था मानो बह अभी निगल जाएगा इसके बाद हमने हाल ही में जंगल में लाए गए शेर शेरनी और उनके बच्चों को देखा।शेरनी बच्चों को दूध पिला रही थी तो वहीं पर शेर बैठा हुआ अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग और सावधान था।भय और शंका से वह कभी कभी गुरा भी रहा था।

      चिड़ियाघर की सैर के अंतिम चरण में हमने वनमानुष को देखा इसे देखकर हमें अनुभव किया कि किस तरह मनुष्य प्राचीन काल में अज्ञानता से ढका हुआ था।

      उपसंहार

      शाम होते होते हम चिड़ियाघर की पूरी शेर कर चुके थे घर आते -आते रात हो गई थी रात को सोते वक्त बड़े अजीब -अजीब रोचक सपने आते रहे।जो कि चिड़ियाघर की सेर से प्रभावित थे।चिड़ियाघर की सेर को हम कभी नहीं भूल सकते हमने अनुभव किया कि हमारी दुनिया में ऐसे विचित्र ओर सुंदर जीव होते है जो इंसानों के अनुसार ही सोचते समझते है।इसलिए तो एक इंसानो के अनुसार अपने -अपने बच्चों की देखभाल करते हैं।बस बोल नही पाते है।पर तकलीफ ओर दर्द उन्हें भी महसूस होता है।इसलिए इनकी सुबिधा के लिए ओर सुरक्षा के लिए चिड़ियाघर उनकी सुरक्षा की दृष्टि से जानवरो का बहुत अच्छा घर है।

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