499, सेक्टर-19
मोहाली, चंडीगढ़।
दिनांक : 02 मई, 20xx
प्रिय मृदुल
सदा सुखी रहो।
मैं यहाँ सकुशल हूँ और सदा ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। माँ-पिता जी कैसे हैं? पत्र के उत्तर में लिखना। पिछले दिनों पिता जी का पत्र आया था। उन्होंने यह लिखा था कि तुम्हारा व्यवहार पशु-पक्षियों के प्रति अच्छा नहीं है। तुम्हें आजकल उन्हें सताने और पकड़ने में आनंद आने लगा है। भाई, यह सोचो कि यदि कोई तुम्हारे साथ भी ऐसा ही व्यवहार करे, तो तुम्हें कैसा लगेगा? पशु-पक्षी बोल नहीं पाते, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें दुख या दर्द नहीं होता। यदि तुम उनके साथ अच्छा व्यवहार करोगे, तो वे तुम्हारे मित्र बन जाएँगे। प्राणियों को सताना छोड़कर उनकी देखभाल करो। आशा करता हूँ कि आगे से तुम अच्छा व्यवहार करोगे।
माता-पिता जी को मेरा प्रणाम बोल देना। अपना खयाल रखना। पत्र का उत्तर शीघ्र देना।
तुम्हारा बड़ा भाई
कर्ण
bhai gadar patra likha hai jawab nahi tera mujhe bhut pasand aya